परम पब्लिक स्कूल बिजनोर में नुक्कड़ नाटक "कामधेनु" की प्रस्तुती दिनांक ११ सितम्बर २०१४ को की गयी. यह नाटक मुख्यतः सरकारी और राजनैतिक तन्त्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है. नाटक में भूमिकाएं निभाईं फाकिहा फरहीन, अमन सक्सेना, के०के० पीपल, शुभम, कपिल तथा अभी यादव ने. निर्देशन सौरभ श्रीवास्तव ने किया.
IPTA Bijnor
Thursday, September 11, 2014
Wednesday, May 28, 2014
इप्टा बिजनोर द्वारा प्रसिद्ध रंगकर्मी और इप्टा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ए०के० हंगल की स्मृति में रंग उत्सव का आयोजन दिनांक १८ मई २०१४ को स्थानीय किरण उत्सव मंडप में किया गया. कार्यक्रम के आरम्भ में बोलते हुए इप्टा के राष्ट्रीय सचिव श्री राकेश ने बाजारवाद और पूँजीवाद के खतरे से जनता को आगाह करते हुए कहा कि बाज़ार हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को नष्ट करने पर तुला हुआ है.
इस अवसर पर लखनऊ इप्टा ने प्रदीप घोष के निर्देशन में विजय कुमार लिखित नाटक "किस्सा अजनबी लाश का" का मंचन किया. नाटक के माध्यम से इंसानी ज़िन्दगी में राजनीति के अनैतिक दखल को दर्शाया गया है, जिसके कारण आदमी लालच में आकर झंडों में बाँट गया है और उसके जज़्बात मरते जा रहे हैं. नाटक में विपिन मिश्र, राजीव भटनागर, चंद्रभाश सिंह, धर्मेन्द्र उपाध्याय, नितीश प्रताप, अनुज मिश्र, सुन्दरम, देवाशीष मिश्र, पवन कटियार, वीरेंदर रस्तोगी, प्रदीप घोष, प्रणय दीक्षित तथा राधा सिंह ने अभिनय किया.
कार्यक्रम में दूसरी प्रस्तुति थी इप्टा बिजनोर द्वारा प्रेम साइमन लिखित नाटक "मुर्गीवाला", जिसका निर्देशन सौरभ श्रीवास्तव ने किया. इस नाटक के माध्यम से आम इंसान पर भ्रष्ट व्यवस्था द्वारा लगातार हो रहे हमलों को दर्शाया गया है. इस नाटक में फकीहा फरहीन, अभिकांत कुमार, के०के० पीपल, शान मोहम्मद, अनामिका, फिज़ा भाटिया, कपिल सैनी, अमन सक्सेना तथा अमित मिश्र ने अभिनय किया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में इप्टा बिजनोर के मश्कुरुल हसनैन, अश्विनी चित्रांश, सौरभ राजवंशी, संजीव श्रीवास्तव, सोनल शर्मा, डॉ अनिल चौधरी, इकबाल अहमद आदि ने अपना योगदान दिया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में इप्टा बिजनोर के मश्कुरुल हसनैन, अश्विनी चित्रांश, सौरभ राजवंशी, संजीव श्रीवास्तव, सोनल शर्मा, डॉ अनिल चौधरी, इकबाल अहमद आदि ने अपना योगदान दिया.
Wednesday, October 3, 2012
अश्व-पालक जागरूकता अभियान.
इप्टा बिजनोर ने दि ब्रूक इंडिया के साथ मिलकर बालाजी अश्व-कल्याण समिति के सहयोग से बिजनोर जनपद के आश्व-पालक सुमदाय मे तीन-दिवसीय जागरूकता अभियान के अंतर्गत अश्व-कल्याण पर नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया. आश्व-पालक समुदाय कुम्हार व अन्य जातियों का समुदाय है जो अपनी आजीविका के लिए अश्वों पर निर्भर है. यह समुदाय सामजिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत पिछड़ा हुआ है. समुदाय की अश्वों पर और अश्वों की समुदाय पर पारस्परिक निर्भरता है, अतः दोनों के उत्थान और कल्याण के लिए आश्व-पालकों की जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है.
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